घर में किसी भी बनावटी और का प्रभाव हमारी मस्तिष्क पर उसके रंग रूप की प्रकृति के अनुसार पड़ता है।
घर में आत्मा से जुड़े रिश्तो के आधार पर जीवन जिया जाता है घर में रहने वाले सदस्यों के रिश्ते रहने वालों से आत्मीयता से जुड़े रहते हैं एक दूसरे की जरुरत तथा एक दूसरे की भावना को समझते हैं घर में रिश्ता आत्मा से जुड़ा होना चाहिए तभी सुख का आधार बन पाता है।
घर में रखी बनावटी सुंदरता से हमारे स्वभाव पर भी दिखावटी प्रभाव में वृद्धि होती है हम केवल अपने रिश्तो को औपचारिकता के आधार पर निभाने लग जाते हैं जिसे दिल के रिश्तो में दूरियां बनने लगती है घर का आवरण बिल्कुल साधारण रखना चाहिए। जरूरत के अनुसार वस्तुएं होनी चाहिए।
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