घर पर कौन-कौन से पेड़ पौधे लगाने चाहिए ?

Which trees and plants should not be kept at home

घर पर कौन-कौन से पेड़ पौधे लगाने चाहिए ?

पेड़ पौधों के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती जब तक पृथ्वी पर ऑक्सीजन और पेड़ पौधों से आ रही है तो हमारा स्वास्थ्य बना रहता है अन्यथा बिना पेड़ पौधों के हम जीवित नहीं रह सकते।

पेड़ जितना बाहर होता है उतना ही जमीन के अंदर भी होता है इसकी जड़ों में जीव जंतुओं का वास होता है अगर बड़ा पेड़ घर के अंदर हो तो उसके नकारात्मक प्रभाव घर पर देखने को मिलते हैं। जहां आप गृहस्थ आश्रम में हो उस चार दिवारी में बड़ा पेड़ नहीं होना चाहिए घर के अंदर तुलसी के पौधे को रखने का विधान है तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को शोधता है और नाकारात्मक ऊर्जा को शोख कर स्वयं ऊर्जावान बना रहता है।

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प्राचीन काल में घर में एक हिस्सा कच्चा रखा जाता था और उस दिशा में तुलसी जी का पौधा लगाया जाता था जिससे जमीन की ऊर्जा बाहर सफूटित होती रहे। आज के आधुनिक समय में यह स्थिति नहीं मिलती घर में पक्के आंगन मिलते हैं जहां कृत्रिम रूप से गमलों में रख कर हरियाली को सजाया जाता है । गमले में सजाकर रखने की परंपरा भारत में पहले नहीं होती थी जमीन में ही पौधे लगाए जाते थे यह परंपरा ब्रिटिश शासन के बाद में फलि भूत हुई है क्योंकि जो ब्रिटिश अधिकारी थे वह अपना घर कृत्रिम सुंदरता से सजाते थे और वही सौंदर्य व्यवस्था हमने लागू करली।

वास्तु शास्त्र के अनुसार गमला केवल वायु तत्व का उद्गम नहीं करता वह अपने साथ-साथ पृथ्वी तत्व का भी उद्गम करता है और उससे अधिक उसे पर जो रंग होता है वह अधिक प्रभावित करता है गमले का क्षेत्र घर में केवल अग्नि के क्षेत्र में स्थापित हो सकता है इसके अतिरिक्त गमले को कहीं भी नहीं रखना चाहिए इसके दुष्परिणाम होते हैं

बड़े पेड़ को घर से बाहर तथा उचित दुरी पर लगाना चाहिए। क्योंकि पेड़ जितने क्षेत्र में बाहर विकसित होता है उतने ही क्षेत्र में वह भूमि के अंदर भी विकसित होता है।

जैसे पेड़ के ऊपर असंख्य पक्षी तथा अन्य जीव अपना घर बनाते हैं उसी प्रकार पेड़ की जड़ों में भी जीव रहते हैं। अगर पेड़ घर के अंदर होगा तो उसके अंदर रहने वाले जीव हमें प्रभावित करते हैं। इसको ऐसे समझें जब हमारे घर पर कोई अवसर होता है तो हम अपने नजदीकी रिश्तेदारों को भोजन तथा हमारी खुशियों में आमंत्रित करते हैं। लेकिन जो लोग बिना आमंत्रण पत्र के हमारे घर पर आते हैं तो वो लोग सिर्फ हमारा नूक्शान ही करते हैं। इसी तरह पेड़ पर बिना बुलाएं मेहमान ही रहते हैं और बिना बुलाए मेहमान हमेशा परेशानी के कारक होते हैं। इस लिए पेड़ घर से उचित दुरी पर होने चाहिए।

1 घर पर गमलों में पेड़ लगाकर उनको छोटा बनाकर रखा जाना भी घर में रहने वाले सदस्यों को विकसित होने की संभावनाओं को कम करता है।

2 कांटेदार पौधे घर पर होने से घर में रहने वाले सदस्यों कि बातें आपस में चुभने लगती है तथा भय कि वृद्धि होती है। गुलाब,शमि, ग्वार पाठा, बेलपत्र,बेरी तथु इसके अतिरिक्त कांटेदार पौधे घर पर नहीं होने चाहिए ।

3 घर पर फलों वाले पौधे नहीं होने चाहिए। फलदार पौधे सिर्फ बगीचे में होने चाहिए। घर पर फलदार पौधे होने पर बच्चों के आचरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।

4 घर पर दुध टपकाने वाले पौधे नहीं होने चाहिए इनका बुरा प्रभाव घर में रहने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। आक व अन्य दूध टपकने वाले पौधे। आक व अन्य दूध टपकने वाले पौधे विषधारी तथा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। लेकिन घर में इसे लगाने पर यह वातावरण में अपने विषैला गुण छोड़ेगा ही छोड़ेगा इस कारण करके आवरण में इन पौधों को नहीं रखना चाहिए।

फलदार पौधे सिर्फ बगीचे में होने चाहिए। घर पर फलदार पौधे होने पर बच्चों पर बुरा असर पड़ता है।बड़े पेड़ को घर से बाहर तथा उचित दुरी पर लगाना चाहिए। क्योंकि पेड़ जितने क्षेत्र में बाहर विकसित होता है उतने ही क्षेत्र में वह भूमि के अंदर भी विकसित होता है। जैसे पेड़ के ऊपर असंख्य पक्षी तथा अन्य जीव अपना घर बनाते हैं उसी प्रकार पेड़ की जड़ों में भी जीव रहते हैं।अगर पेड़ घर के अंदर होगा तो उसके अंदर रहने वाले जीव हमें प्रभावित करते हैं। इसको ऐसे समझें जब हमारे घर पर कोई अवसर होता है तो हम अपने नजदीकी रिश्तेदारों को भोजन तथा हमारी खुशियों में आमंत्रित करते हैं।लेकिन जो लोग बिना आमंत्रण पत्र के हमारे घर पर आते हैं तो वो लोग सिर्फ हमारा नूक्शान ही करते हैं। इसी तरह पेड़ पर बिना बुलाएं मेहमान ही रहते हैं।और बिना बुलाए मेहमान हमेशा परेशानी के कारक होते हैं। इस लिए पेड़ घर से उचित दुरी पर होने चाहिए।घर पर गमलों में पेड़ लगाकर उनको छोटा बनाकर रखा जाना भी घर में रहने वाले सदस्यों को विकसित होने की संभावनाओं को कम करता है।घर पर सिर्फ तुलसी का पौधा लगा सकते हैं।और पानी में मनीप्लांट का पौधा लगा सकते हैं। इसके अलावा घर पर कोई भी पौधा ना रखें।

बड़े पेड़ घर पर नहीं लगाने चाहिए।
बड़े पेड़ को घर से बाहर तथा उचित दुरी पर लगाना चाहिए। क्योंकि पेड़ जितने क्षेत्र में बाहर विकसित होता है उतने ही क्षेत्र में वह भूमि के अंदर भी विकसित होता है। जैसे पेड़ के ऊपर असंख्य पक्षी तथा अन्य जीव अपना घर बनाते हैं उसी प्रकार पेड़ की जड़ों में भी जीव रहते हैं।अगर पेड़ घर के अंदर होगा तो उसके अंदर रहने वाले जीव हमें प्रभावित करते हैं। इसको ऐसे समझें जब हमारे घर पर कोई अवसर होता है तो हम अपने नजदीकी रिश्तेदारों को भोजन तथा हमारी खुशियों में आमंत्रित करते हैं।
लेकिन जो लोग बिना आमंत्रण पत्र के हमारे घर पर आते हैं तो वो लोग सिर्फ हमारा नूक्शान ही करते हैं। इसी तरह पेड़ पर बिना बुलाएं मेहमान ही रहते हैं।और बिना बुलाए मेहमान हमेशा परेशानी के कारक होते हैं। इस लिए पेड़ घर से उचित दुरी पर होने चाहिए। अगर आप लगाना भी चाहते हैं तो सिर्फ अशोका का वृक्ष लगा सकते हैं उसे भी पुरी तरह पिरामिड कि तरह ही बनाकर रखें। अगर आप उसे पिरामिड कि तरह बना कर नहीं रखते हैं तो वह अशुभ फलदाई होता है।

घर पर सिर्फ तुलसी का पौधा लगा सकते हैं।और पानी में मनीप्लांट का पौधा लगा सकते हैं। इसके अलावा घर पर कोई भी पौधा ना रखें।

घर पर साधारण फूल पत्ती लगाने का प्रवधान है उत्तर दिशा से लेकर पूर्व -दक्षिण के क्षेत्र में हरियाली शुभ फलदाई होती है। अगर घर पर ही हरियाली हैं तो ध्यान रखें कि पेड़ पौधे को काट छांट कर रखें।

घर पर वास्तुशास्त्र के अनुसार घर पर दोष निवारण के लिए अशोका वृक्ष को घर पर लगाने का विधान है।

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