घर पर हरियाली तथा गमले कहा होने चाहिए।

greenery and pots be placed in the house

घर पर हरियाली तथा गमलों में पोंधे कहा होने चाहिए।

मनुष्य के आवरण में जो भी प्रतिबिंब या वस्तु अथवा कोई चीत्र हो तो वह मनुष्य के स्वभाव को अपने अनुसार प्रभावित करती है जैसे आपके आवरण में कोई भी नुकीली वस्तु हो तो वह स्वभाव में खटकने वाली प्रवृतियों को जन्म देता है । अपने आवरण के प्रभावों का अनुभव लेकर ही हम अपने स्वभाव या अपनी बुद्धि का विकास करते हैं घर में कोई भी वस्तु हो तो उसका प्रभाव हमारे स्वभाव में दिखना संभावित है।

भौतिक जीवन में घर की सजावट के लिए पेड़ पौधे व अन्य सामग्रियो उपयोग प्रचलन में हैं । लेकिन इनका प्रयोग उपयुक्त स्थान पर किया जाएं तो यह शुभ फलदाई होता है अन्यथा विपरीत क्षेत्र में इनकी स्थापना बुरे प्रभाव देती है।

हरियाली वायु तत्व से संबंधित है ।
वास्तु शास्त्र के अनुसार जमीन ( भुमि ) में पेड़ पौधे व हरी घास उत्तर दिशा से पूर्व दिशा ओर दक्षिण दिशा तक ही लगाने चाहिए।

इसके अलावा घर में गमले केवल पूर्व-दक्षिण से दक्षिण दिशा तक ही रखना चाहिए। इसके अलावा रखे गए गमले घर में नुकसान दायक होते हैं।

दिखावटी पौधे, कागज या प्लास्टिक से बने फूल पत्तियां को घर में कभी भी नहीं सजाना चाहिए।
सजावटी आवरण को व्यावसायिक स्थलों के लिए तो उचित माना गया है लेकिन घर के लिए वर्जित कहा गया है

अगर आपके घर के आवरण में कांटेदार पौधे होंगे तो घर में रहने वाले सदस्यों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है घर में रहने वाले सदस्यों की बातें आपस में चुभने लगती हैं और रिश्तो में खटास पैदा होती है।

अगर हम दिशाओं के अनुसार पौधे व गमलो का वर्गीकरण करते हैं तो हमें विभिन्न फल मिलते हैं।

1। उत्तर दिशा (North ) :- नव निर्माण, नव आगमन से जुड़ी क्रिया का क्षेत्र है।
यह क्षेत्र व्यक्ति के संसार में जन्म लेने से संबंधित क्षेत्र भी माना जाता है यह दिशा क्षेत्र संतान को गर्भ से बाहर आने वाली क्रिया को नियंत्रित करने वाली ऊरजा से संबंधित है ।

गर्भधारण के बाद इस संसार में अपनी उपस्थिति देने का कारक भी माना जाता है। बनाई हुई योजनाओं को साकार रूप रुप देने वाली क्षमता इसी क्षेत्र से विकसित होती है।

इस दिशा में हरी घास उत्तम लाभ देती है। तथा हल्के रंगों के पौधे भी उत्तम लाभकारी हैं इस दिशा में सफेद फूलों के पौधे भी लाभकारी होते हैं इस दिशा में लाल रंग और पीले रंग के पौधे नहीं लगाने चाहिए।
इस दिशा में लाल रंग होना स्वास्थ्य तथा रोजगार की दिशा में रुकावटें पैदा करता है।

गमले:- गमले:- इस दिशा में गमले नुकसानदायक होते हैं क्योंकि इस दिशा में रखे गमले में रखी रेत से पृथ्वी तत्व का निर्माण हो जाता है ।
यह दिशा जल तत्व से संबंधित दिशा है और पृथ्वी तत्व और अग्नि तत्व इस दिशा के शत्रु तत्व हैं इस दिशा में अगर शत्रु तत्व होते हैं तो यह दिशा कमजोर होती है इस दिशा के गुणों में कमी आती है जैसे यह दिशा जीवन की शुरुआत का कारक है । अगर इस दिशा में गमला या लाल पीला रंग रखेंगे तो इस दिशा से संबंधित विषयों में रुकावटें पैदा होने लगती हैं ।

2। उत्तर – पूर्व – उत्तर (North east north।) स्वास्थ्य का निर्माण करने वाली किया का क्षेत्र है । इस क्षेत्र का व्यवस्थित होना घर के सदस्यों में खानपान की अच्छी आदतों को दर्शाता है।

इस दिशा में हरी घास उत्तम लाभ देती है। तथा हल्के रंगों के पौधे भी उत्तम लाभकारी हैं इस दिशा में सफेद फूलों के पौधे भी लाभकारी होते हैं इस दिशा में लाल रंग और पीले रंग के फुलों के पौधे नहीं लगाने चाहिए।

यह क्षेत्र हमारे मानसिक ओर शारीरिक स्वास्थ्य का कारक क्षेत्र है।। इस क्षेत्र में लाल पीला रंग किसी भी प्रतीक में होता है तो वह सीधा-सीधा हमारे स्वास्थ्य तथा स्वभाव पर प्रभाव दिखता है घर कि इस दिशा में लाल एवं पीले रंग का आवरण व कोई भी प्रतीक होता है तो घर में रहने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ को प्रभावित करता है।

गमले:- इस दिशा में गमले नुकसानदायक होते हैं क्योंकि इस दिशा में रखा गमले में रखी रेत से पृथ्वी तत्व का निर्माण हो जाता है ।
यह दिशा जल तत्व से संबंधित दिशा है और पृथ्वी तत्व और अग्नि तत्व इस दिशा के शत्रु तत्व हैं इस दिशा में अगर शत्रु तत्व होते हैं तो यह दिशा कमजोर होती है और इस दिशा के गुणों में कमी आती है ।
जैसे यह क्षेत्र हमारे मानसिक ओर शारीरिक स्वास्थ्य का कारक क्षेत्र है।तो इस दिशा में रखे गए गमले पृथ्वी तत्व का निर्माण करते हैं तो वह हमारे मस्तिष्क पर भारीपन बनाता है। अगर इस दिशा में गमला या लाल पीला रंग रखेंगे तो इस दिशा से संबंधित विषयों में रुकावटें पैदा होने लगती हैं । स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां बढ़ने लगती है घर में रहने वाले व्यक्तियों की रोग-रोधक क्षमता में गिरावट आने लग जाती है। घर में रहने वाले व्यक्तियों को छोटी-छोटी बीमारियों से ज्यादा खर्च उठाना पड़ता है।

3 उत्तर – पूर्व (North-East ) ईशान कोण। मस्तिष्क के निर्माण ओर उसे विकसित करने कि क्रिया का क्षेत्र है।
मनुष्य का ध्यान इस ब्रह्मांड के साथ प्राकृतिक रूप से जोड़ने का क्षेत्र है इस क्षेत्र का अवस्थित होना मनुष्य के स्वभाव में भ्रमित तथा मानसिक विकारों को पैदा करता हैं ।

इस दिशा में हरी घास उत्तम लाभ देती है। तथा हल्के रंगों के पौधे भी उत्तम लाभकारी हैं इस दिशा में सफेद फूलों के पौधे भी लाभकारी होते हैं इस दिशा में लाल रंग और पीले रंग के फुलों के पौधे नहीं लगाने चाहिए।

यह क्षेत्र हमारी मस्तिष्क का क्षेत्र होता है। इस क्षेत्र में लाल पीला रंग किसी भी प्रतीक में होता है तो वह सीधा-सीधा हमारे स्वभाव पर प्रभाव दिखता है इस दिशा में लाल आवरण घर की महिलाओं में गुस्से को बढ़ाता हैं। यह क्षेत्र हमारे याद रखना की प्रणाली का क्षेत्र होता है इस क्षेत्र में हल्कापन रखें तथा बैठकर ध्यान लगाने की जगह होनी चाहिए। घर का यह क्षेत्र हमेशा साफ सुथरा रखें।

गमले:- इस दिशा में गमले नुकसानदायक होते हैं क्योंकि इस दिशा में रखा गमले में रखी रेत से पृथ्वी तत्व का निर्माण हो जाता है ।
यह दिशा जल तत्व से संबंधित दिशा है और पृथ्वी तत्व और अग्नि तत्व इस दिशा के शत्रु तत्व हैं इस दिशा में अगर शत्रु तत्व होते हैं तो यह दिशा कमजोर होती है और इस दिशा के गुणों में कमी आती है जैसे यह दिशा मस्तिष्क का क्षेत्र होती है तो इस दिशा में रखे गए गमले पृथ्वी तत्व का निर्माण करते हैं तो वह हमारे मस्तिष्क पर भारीपन बनाता है। अगर इस दिशा में गमला या लाल पीला रंग रखेंगे तो इस दिशा से संबंधित विषयों में रुकावटें पैदा होने लगती हैं । व्यक्ति को दूसरों की बातें समझने में परेशानी होती है याद रखने कि क्षमता प्रभावित होती है।

4 पूर्व – उत्तर – पूर्व ( East North East ) निर्माण के बाद बाहरी आवरण के साथ तालमेल विकसित करने कि क्रिया का क्षेत्र है। इस क्षेत्र के व्यवस्थित होने पर घर के सदस्यों में उत्स हा बना रहता है इस क्षेत्र का अव्यवस्थित होना घर के सदस्यों में आलस्य को बढ़ा देता है

इस दिशा में हरी घास उत्तम लाभ देती है। तथा हल्के रंगों के पौधे भी उत्तम लाभकारी हैं इस दिशा में नीले तथा गुलाबी फूलों के पौधे भी लाभकारी होते हैं इस दिशा में पीले रंग के फुलों के पौधे नहीं लगाने चाहिए।

यह क्षेत्र हमारी मस्तिष्क का क्षेत्र होता है। इस क्षेत्र में लाल पीला रंग किसी भी प्रतीक में होता है तो वह सीधा-सीधा हमारे स्वभाव पर प्रभाव दिखता है इस दिशा में लाल आवरण घर की महिलाओं में गुस्से को बढ़ाता हैं। यह क्षेत्र हमारे याद रखना की प्रणाली का क्षेत्र होता है इस क्षेत्र में हल्कापन रखें तथा बैठकर ध्यान लगाने की जगह होनी चाहिए। घर का यह क्षेत्र हमेशा साफ सुथरा रखें।

गमले:- इस दिशा में गमले नुकसानदायक होते हैं क्योंकि इस दिशा में रखा गमले में रखी रेत से पृथ्वी तत्व का निर्माण हो जाता है ।
यह दिशा जल तत्व से संबंधित दिशा है और पृथ्वी तत्व और अग्नि तत्व इस दिशा के शत्रु तत्व हैं इस दिशा में अगर शत्रु तत्व होते हैं तो यह दिशा कमजोर होती है और इस दिशा के गुणों में कमी आती है जैसे यह दिशा मस्तिष्क का क्षेत्र होती है तो इस दिशा में रखे गए गमले पृथ्वी तत्व का निर्माण करते हैं तो वह हमारे मस्तिष्क पर भारीपन बनाता है। अगर इस दिशा में गमला या लाल पीला रंग रखेंगे तो इस दिशा से संबंधित विषयों में रुकावटें पैदा होने लगती हैं । व्यक्ति को दूसरों की बातें समझने में परेशानी होती है याद रखने कि क्षमता प्रभावित होती है।

5 पूर्व (East ) बाहरी आवरण में अपने संबंधों को स्थापित करने से संबंधित क्रिया का क्षेत्र है। यह क्षेत्र आपके आप के आपसी घरेलू रिश्ते तथा सामाजिक आवरण के रिश्तों को विकसित करता है।
इस दिशा में हरी घास उत्तम लाभ देती है। तथा हल्के रंगों के पौधे भी उत्तम लाभकारी हैं इस दिशा में नारंगी सफेद, लाल फूलों के पौधे भी लाभकारी होते हैं।

गमले इस दिशा में नुकसान दायक होता है। क्योंकि यह दिशा क्षेत्र वायु तत्व से संबंधित क्षेत्र है और गमला में पृथ्वी तत्व कि प्रधानता होती हैं।इस लिए इस दिशा में रखा गया गमला नुकसानदायक होता है यह दिशा सामाजिक आवरण को प्रभावित करने वाली दिशा होती है लेकिन इस दिशा में रखा गया गमला आपका सामाजिक आवरण से होने वाले लाभ में रुकावटें पैदा करता है।

6 पूर्व – दक्षिण – पूर्व (East south east )
जीवन के किसी भी विषय पर मंथन करके निर्णय तक पहुंचने से संबंधित क्रियो का क्षेत्र है। इस क्षेत्र का विकसित एवं व्यवस्थित होना घर में रहने वाले सदस्यों के निर्णय को पूर्ण रूप देता है।

इस दिशा में हरियाली होने पर साकारात्मक प्रभाव देती है लेकिन इस दिशा में रखें गमले नाकारात्मक प्रभाव में वृद्धि करता है। इस लिए इस दिशा में गमले नहीं रखने चाहिए।

7 दक्षिण – पूर्व (South – East ) जीवन में समय का प्रयोग तथा पुरुषार्थ का उद्गम का क्षेत्र है। यह क्षेत्र घर में रहने वाले सदस्यों पर गुना को बढ़ाता है सबसे ज्यादा इस क्षेत्र का प्रभाव औरतों पर दिखाई देता है जिस घर में यह क्षेत्र जितना विकसित होगा उसे घर की महिलाएं गुणवान होती है। इस क्षेत्र से घर में रहने वाले प्राणियों की सुरक्षा के विषय में भी विचार किया जाता है।

इस दिशा में हरियाली भी शुभ फलदाई होती है तथा गमलों का भी साकारात्मक प्रभाव होता है।

8 दक्षिण – पूर्व – दक्षिण (South – East – south )
अपने द्वारा किए गए कार्यों के अनुभव से संबंधित क्रियाओं का क्षेत्र है यह क्षेत्र आत्म विश्वास का कारक होता है। व्यक्ति के ज्ञान का सदुपयोग एवं शारीरिक प्रदर्शन इसी क्षेत्र से विकसित होते हैं।
इस दिशा में हरियाली भी शुभ फलदाई होती है तथा गमलों का भी साकारात्मक प्रभाव होता है।

9 दक्षिण (South ) अपनी योग्यताओं के अनुसार कार्य क्षमता को दर्शाता है इसी क्षेत्र कि ऊर्जा से आपके आवरण को इस संसार में एक उच्चतम पहचान मिलती है।

इस दिशा में हरियाली भी शुभ फलदाई होती है तथा गमलों का भी साकारात्मक प्रभाव होता है।

10 दक्षिण – पश्चिम – दक्षिण ( South – West – south ) जीवन में विकारों को दूर करने से संबंधित क्रियो का क्षेत्र है । शरीर से मल विसर्जन की प्रणाली को भी यही से नियंत्रण मिलता है।
इस दिशा में रखें गमले तथा हरियाली दोनों ही नुकसानदायक होती है। इस दिशा में रखी हरियाली सामाजिक रिश्तों में कमी लाता है। घर में रहने वाले सदस्यों के आपसी रिश्तों में दुनिया बढ़ती है।

11 दक्षिण – पश्चिम ( South – West ) अपने अनुभवों पर निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाता है यह क्षेत्र आपके अनुवांशिक गुणों को विकसित तथा नियंत्रण करता है।
इस दिशा में रखे गए गमले एवं हरियाली घर के सदस्यों के लिए नुकसानदायक होती है इस दिशा में गमले एवं हरियाली रखने से यहां वायु तत्व की स्थापना होती है जिससे पृथ्वी तत्व में कमजोरी होती है घर के सदस्यों में अपने ज्ञान का प्रयोग करने की क्षमता में लगातार कमी आती रहती है यह क्षेत्र पृथ्वी तत्वों से संबंधित है और इस तत्व क्षेत्र में हरियाली का होना इस तत्व को दूषित करने के समान है घर में आपसी रिश्तों में दूरियां बढ़ने लगते हैं तथा एक दूसरे की बात को समझ नहीं पाते और एक दूसरे का आधार भी नहीं करते।

12 पश्चिम – दक्षिण – पश्चिम। (West – south – west )

अपने कर्मों द्वारा संचय पूंजी अथवा ज्ञान को दर्शाता है यह क्षेत्र आपकी परिपक्वता को दर्शाता है यह क्षेत्र सुव्यवस्थित होने पर सामाजिक आवरण में आपकी क्षमता को उच्च स्तर पर लेकर जाता है।
इस दिशा में हरियाली एवं गमला घर में रहने वाले सदस्यों को नुकसान देता है यहां पर हरियाली होने से घर में बचत में कमी तथा करके सदस्य में ज्ञान ग्रहण करने की क्षमता में कमी होती है इस दिशा क्षेत्र में रखे गए गमले घर में पूंजी के निवेश में लापरवाही को बढ़ाते हैं।

13 पश्चिम (West)
जीवन में मिलने वाली प्राप्तियां को सुनिश्चित करता है यह क्षेत्र गुरु कृपा का का परिचय देता है और आपकी निष्ठा के बारे में भी दर्शाता है।
इस दिशा में रखे गए गमले तथा हरियाली नुकसानदायक होती है इस दिशा में गमले रखने से घर में रहने वाले सदस्यों को प्रक्तियों में रुकावटें पैदा होती है तथा घर में रहने वाले सदस्यों को आपसी विचारों में मतभेद मैं वृद्धिकारक है।

14 पश्चिम – उत्तर – पश्चिम (West – north – west ) जीवन में लिए गए निर्णयों को पूर्ण रूप देने से संबंधित है इस क्षेत्र में अव्यवस्था आपके जीवन में घुटन का निर्माण करती है ।
इस दिशा में हरियाणवी तथा गमले रखने नुकसानदायक सिद्ध होता है इस दिशा में गमले तथा हरियाली रखने से मानसिक विकारों में वृद्धि होती है तथा घर में रहने वाले सदस्यों आपसी तालमेल में कमी होती है।

15 पश्चिम – उत्तर – पश्चिम (North – west )
इस प्रकृति में मनुष्य को प्रकृति के सहयोग को दर्शाता है । इस क्षेत्र से आपके जीवन में मिलने वाले सहयोग का सदउयोग करने कि क्षमता विकसित होती है।।

इस दिशा में रखे गए गमले एवं हरियाली व्यक्ति को मिलने वाले सहयोग में कमी आती है। व्यक्ति के द्वारा किया गया सहयोग भी विपरीत परिणाम देता है।

16 उतर – पश्चिम – उत्तर ( North – West – north )
जीवन की शुरुआत में सहयोगी क्रियो का है। इस क्षेत्र का कटा हुआ तथा कम विकसित होना वंशवृद्धि में अवरोध पैदा करता है । इस क्षेत्र में विपरीत तत्वों की उपस्थिति चरित्र संबंधित दोष को भी उत्पन्न करती है।
इस दिशा में रखी गई हरियाली। के परिणाम स्थिति के अनुसार अच्छे भी हो सकते हैं लेकिन इस दिशा क्षेत्र में रखे गमले हमेशा नाकारात्मक प्रभाव में वृद्धि करते हैं।