नव निर्मित धार्मिक प्रतिष्ठान के लिए वास्तु सलाह।
भवन निर्माण के समय नींव मुहूर्त से लेकर मूर्ति (प्रतिमा) स्थापना तक आपके समक्ष बने रहने के लिए वचनबद्ध हूं।
महत्वपूर्ण बिंदु :-
भुमि निरीक्षण।
मंदिर का नक्शा वास्तु शास्त्र के अनुसार ।
नींव स्थापना विचार ।
छत ढ़लाई प्रकरण।
द्वार स्थापना मुहूर्त।
छत ढ़लाई के बाद ।
मंदिर का मुख्य दरवाजा एवं घर के अंदर के दरवाजों के निर्माण पर विचार।
मंदिर के आंगन, कमरों ,रसोई, स्नान घर, टायलेट में पत्थर एवं टाइलों का चुनाव।
मंदिर के अंदर रंगों का चुनाव।
मंदिर के अंदर शुद्धिकरण ।
भवन प्रवेश से पहले हवन के मुहूर्त ।
मूर्ति स्थापना मुहूर्त।
अनावरण मुहूर्त।(पुजा पद्धति कि शुरुआत)
इस सुविधा का शुल्क व्यवस्था के अनुसार है।
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