घर पर सोलर पैनल किस दिशा क्षेत्र में लगवाना चाहिए?
आज के आधुनिक समय में ऊर्जा की आपूर्ति के लिए विभिन्न स्रोतों का निर्माण हो रहा है इसी श्रृंखला में सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है सोलर पैनल इसके द्वारा सूर्य की धूप की ऊर्जा को शोषण किया जाता है और उसे विद्युत ऊर्जा में बदल जाता है। इसे घर में छत या खुली जगह पर लगाया जाता है जिससे सूर्य की धूप उसमें अवशोषित की जाए और उसका प्रयोग विद्युत ऊर्जा के लिए किया जाता है।
सोलर पैनल को लगाने से जल की छवि का निर्माण होता है। सूर्य कि धुप को अवशोषित करने वाली ( काली चमकिली) प्लेट जल की तरह प्रतीत होती है इसे जिस क्षेत्र में लगाया जाता है वहां अपना प्रभाव जल तत्व की तरह प्रदर्शित करती है।वास्तु शास्त्र के अनुसार घर को पांच तत्वों में बांटा गया है । जल,वायु,अग्नि,पृथ्वी ओर आकाश तत्व।और इन तत्वों में आपसी शत्रुता और मित्रता के संबंध घर में सुख-दुख की स्थिति का निर्माण करते हैं।जैसे जल तत्व की स्थापना जल तत्व के क्षेत्र में तथा उसके सहयोगी आकाश तत्व एवं वायु तत्व के क्षेत्र में करने पर इसके प्रभाव शुभफलदाई होते हैं। इसके अलावा जल तत्व की स्थापना अग्नि तत्व और पृथ्वी तत्व के क्षेत्र में की जाए तो इसके परिणाम दुखदाई होते हैं। दिशाओं के आधार पर घर को 16 क्षेत्र में बांटा गया है। और इन 16 क्षेत्र में सोलर पैनल का क्या प्रभाव हम पर पड़ता है इसको जानने के लिए 16 दिशाओं के अनुसार उनके प्रभाव को समझते हैं।
6 पूर्व – पूर्व – दक्षिण दिशा क्षेत्र (East east south Direction )यह दिशा क्षेत्र वायु तत्व से अग्नि तत्व के रूपांतरण का क्षेत्र है इस क्षेत्र में सोलर पैनल अच्छे परिणाम नहीं देता इसलिए इस क्षेत्र में सोलर पैनल नहीं लगाना चाहिए।
7 पूर्व – दक्षिण दिशा क्षेत्र ( East – SouthDirection )यह दिशा क्षेत्र अग्नि तत्व से संबंधित दिशा क्षेत्र है। इस क्षेत्र में जल तत्व की उपस्थिति नकारात्मक प्रभाव देता है इस क्षेत्र में सोलर पैनल नहीं लगना चाहिए।
8 पूर्व – दक्षिण – दक्षिण दिशा क्षेत्र (East South south direction )यह दिशा क्षेत्र अग्नि तत्व से संबंधित क्षेत्र होता है इस क्षेत्र में जल की उपस्थिति नकारात्मक प्रभावों को बढ़ाती है इसलिए इस क्षेत्र में सोलर पैनल नहीं लगना चाहिए।9 दक्षिण दिशा क्षेत्र (SouthDirection )यह दिशा क्षेत्र अग्नि तत्व से संबंधित तीसरा क्षेत्र होती है इस दिशा क्षेत्र में जल की उपस्थिति नकारात्मक प्रभावों को बढ़ाती है इसलिए इस दिशा क्षेत्र में सोलर पैनल नहीं लगना चाहिए।10 दक्षिण – दक्षिण – पश्चिम दिशा क्षेत्र ( South – south – West Direction )यह भी सचित्र अग्नि तत्व को पृथ्वी तत्व में रूपांतरित करने का क्षेत्र होता है इस क्षेत्र में जल से संबंधित कोई भी क्रिया नहीं होनी चाहिए, इसलिए यहां सोलर पैनल नहीं लगना चाहिए।
11 दक्षिण – पश्चिम दिशा क्षेत्र ( South – West )यह दिशा क्षेत्र पृथ्वी तत्व से संबंधित दिशा क्षेत्र है यहां जल की उपस्थिति विपरीत परिणाम देती है इसलिए यहां सोलर पैनल नहीं लगना चाहिए।
12 दक्षिण – पश्चिम – पश्चिम दिशा क्षेत्र (south West west Direction )यह दिशा क्षेत्र पृथ्वी तत्वों से संबंधित दिशा क्षेत्र है इस क्षेत्र में सोलर पैनल लगाने पर इस क्षेत्र के गुना में कमी आती है इसलिए यहां सोलर पैनल नहीं लगना चाहिए।
13 पश्चिम दिशा क्षेत्र (West Direction)यह दिशा क्षेत्र आकाश तत्व से संबंधित दिशा क्षेत्र है यह दिशा क्षेत्र प्राप्तियां को दर्शाता हैयह क्षेत्र जल तत्व का सहायक तत्व का क्षेत्र होता है,इसलिए जहां सोलर पैनल लगा सकते हैं।
14 पश्चिम – पश्चिम -उत्तर दिशा क्षेत्र (West – west – north Direction ) यह चित्र आकाश तत्व से संबंधित क्षेत्र है लेकिन इस क्षेत्र में घुटन से संबंधित क्रियो को करने के लिए कहा गया है यहां पर आवन से संबंधित कोई भी क्रिया करना निषेध है यहां सोलर पैनल के अच्छे परिणाम नहीं मिलते इसलिए यहां सोलर पैनल नहीं लगना चाहिए।
15 पश्चिम – उत्तर दिशा क्षेत्र (North – west direction ) यह दिशा क्षेत्र आकाश तत्व से जल तत्व के रूपांतरण का क्षेत्र है यह जल तत्व का सहायक स्थान है इसलिए यहां सोलर पैनल लगाना अच्छे परिणाम देता है , इस क्षेत्र में सोलर पैनल लगाना शुभ फलदाई।16 पश्चिम – उतर – उत्तर दिशा क्षेत्र ( West – North – north direction )यह दिशा क्षेत्र जल तत्व से संबंधित क्षेत्र है यहां पर सोलर पैनल लगाना शुभ फल देता है यहां पर सोलर पैनल लगा सकते हैं