Category: Vastu gyan

भुमि की शल्य शोधन क्रिया।
भुमि की शल्य शोधन क्रिया । शल्य शोधन एक ऐसी क्रिया है जिसमें भूखंड के अंदर दबी हुई नकारात्मक ऊर्जा को बनाने वाली वस्तुएं भूखंड से बाहर निकाली जाती है। शल्य हड्डियों को कहा जाता है । भूखंड में दबी हुई मृत पशु कि हड्डियों को निकालने के लिए किया जाता है।

नवनिर्मित घर का शुद्धिकरण ।
नवनिर्मित घर का शुद्धिकरण । ——————— नवनिर्मित घर में शुद्धिकरण से अभिप्राय है कि जब भवन का निर्माण होता है तब निर्माण क्रिया के समय भवन निर्माण करने वाले कारीगर भी अर्ध निर्मित भवन में अपना भोजन और अपने जीवन से संबंधित सभी क्रियाएं वहां करते हैं। जबकि यह अनुचित है भवन निर्माण करते समय…

नींव स्थापना मुहूर्त में उपयोगी सामग्री ।
नींव स्थापना मुहूर्त में उपयोगी सामग्री ।दीपकगाय का शुद्ध घीकलशनारियलधातु से बने नाग ओर नागीन ( इच्छा अनुसार तांबा, चांदी व अन्य धातु से बने)सात प्रकार का अनाज ।हल्दी गांठ -5सुपारी – 2लोंग, इलाइचीरोलीमोलीचावल।प्रसादपुष्प, दुर्वागाय कि बछिया का मूत्र इस समय एक बात का विशेष ध्यान रखें। नींव स्थापना करते समय क्षेत्र में शांति बनी…

भूमि की पहचान करना।
भूमि की पहचान करना । हमारे ऋषि मुनियों ने भूमि की पहचान करके इन्हें चार भागों में बांटा हुआ है।प्रथम श्रेणी में ब्राह्मण भूमि, द्वितीय श्रेणी क्षत्रिय भूमि, तृतीय श्रेणी शुद्र भूमि और चतुर्थ श्रेणी वैश्य भूमि ।

कोन सा शहर आपके लिए शुभ फलदायक है।
प्रयोजन :- इस विधि से आपके नामानुसार शहर का चुनाव करना एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिससे ज्ञात होता है कि आपके नाम का प्रभाव किस शहर के नाम के साथ सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता और किस शहर के नाम के साथ नकारात्मक प्रभाव का निर्माण करता है। वर्ग अनुसार चयनित करने से हम उन्हें…
घर पर आटा चक्की कहा रखनी चाहिए।
घर में आटा चक्की तथा मिक्सर ग्राइंडर किस दिशा में होना चाहिए । मिक्सर ग्राइंडर अथवा चक्की के अंदर क्रिया के बाद वस्तु का रूपांतरण होता हैं। वस्तु (सामग्री)के रूप एवं गुण धर्म में बदलाव आ जाता है । इस क्रिया से संबंधित यंत्रों को वास्तु शास्त्र के अनुसार वहां रखना चाहिए जहां तत्वों…