वास्तु शास्त्र आधारित जीवन शैली।

Sanatan culture lifestyle

जीवन का महत्व
इस प्रकृति में वैसे तो सभी प्राणियों का महत्व है लेकिन मनुष्य योनि का महत्व सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी ने ज्ञान ग्रहण करके प्रकृति के संरक्षण में अन्य प्राणियों से अधिक योगदान दिया है ।
मनुष्य ने अपना जीवन वैज्ञानिक आधार पर जीने की कला सीख ली है । प्राचीन काल में वास्तु के महत्व कि जानकारी घर में बुजुर्गों में हुआं करती थी। वह पांच तत्वों के अनुसार जीवन शैली का वहन करते थे।अच्छी आदतों से तत्व संतुलन बना रहता है। शरीर में तत्व संतुलित हो तो स्वास्थ्य लाभ एवं स्वस्थ मानसिकता से जिया जाता है। । हमारी सनातन संस्कृति में वास्तु शास्त्र के नियमों अनुसार जीवनशैली को विकसित किया गया है।

पांच तत्वों की पहचान तथा उसकेआवरण कि पहचान केवल उसके रूपानूसार बनने वाले प्रतीक से कि जाती है ।

इस पोस्ट में जीवन शैली से जुड़ी और वास्तु शास्त्र से प्रभावित कई आदतों का वर्णन है ।

मनुष्य अपने घर के पंच तत्वों कि व्यवस्था के अनुसार ही अपने स्वभाव का निर्माण करता है और इसके अनुपात के अनुसार ही अपने व्यवहार को चुनता है। प्राचीन काल में वास्तु शास्त्र राजा राजा के महल में एवं सामान्य घरों में अग्नि और जल कि जगह पहले से ही सुनिश्चित होती थी। हमारे पूर्वज इन निमो को जानते थे। इन नियमों को जीवन शैली में आधार मानकर जीवन को जीया जाता था।
प्राचीन काल में अग्नि तत्व का प्रतीक लाल रंग का प्रयोग केवल अनुपात के अनुसार ही होता था पहले कहीं पर भी प्रयोग नहीं होता था केवल घर में अनुपात अनुसार अग्नि के जलने से व्यवस्था संतुलन में रहती थी लेकिन आज के भोतिक सुख के आधीन जीवन शैली में लाल रंग का प्रयोग तथा बिजली से चलने वाली मशीन का प्रयोग अत्यधिक होता है जिसे अग्नि का प्रभाव बढ़ा रहता है और मनुष्य के स्वभाव में अन्यावश्क गर्मी बढ़ी रहती है।
आज के आधुनिक युग में हर घर में बिजली उपकरणों का प्रभाव बढ़ा रहता है। हरेक कार्य के लिए बिजली से चलने वाली मशीन का प्रयोग घर जगह होता है । इनकी रेडीयेशन से बचने के लिए इनका प्रयोग कम से कम करें

घर में यंत्रों का प्रयोग उस क्षेत्र कि ऊर्जा को कई गुना बढ़ा देती है। अगर क्षेत्र उचित है तब यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है और अगर गलत क्षेत्र में इनको स्थापित कर दिया जाए तो यह नाकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है जिससे घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन में विपरीत प्रभाव देता है जीवन में उपकरण मशीन से जुडी सभी तरह की जानकारियां तथा जीवन में अन्य वास्तु शास्त्र से जुड़ी जानकारियां दी जा रही है इसके अतिरिक्त जानकारी के लिए आप हमें व्हाट्सएप करें।

चेतन और अचेतन मन कि कार्य प्रणाली।


मुख्य द्वार पर किसका फोटो या प्रतीक होने चाहिए?


मुख्य द्वार पर गणेश जी को क्यों नहीं लगाना चाहिए?

सोते समय सिर किस दिशा में रखना चाहिए?

घर कितना बड़ा होना चाहिए ?

घर का मुख्य दरवाजा किस तरफ खुलना चाहिए ?

घर में दर्पण किस दिशा में होना चाहिए?

भवन के लिए भुमि कैसी होनी चाहिए?