घर का नक्शा वास्तु शास्त्र के अनुसार।

house plan according to vastu shastra

भुमि का नक्शा ।

भूमि की शोधन क्रिया के पश्चात भूमि का नाप लिया जाता है लंबाई गुणा चौड़ाई और उसके आधार क्षेत्र फल के आवरण का चित्र निर्माण करके उसमें दिशा निर्धारण कर की जाती है। घर में तत्वों कि व्यवस्था प्रकृति के अनुसार व्यवस्थित कि जाती है। घर का नक्शा बनाते समय घर की अवस्था अनुसार इन मुख्य बिंदुओं पर विचार एवं आपको विषय से
अवगत करवाया जाएगा।

घर नक्शा बनाने से पहले विचार किया जाता है कि घर कितना बड़ा बनना चाहिए ?

१ दिशा का ज्ञान।

२ तत्वों के अनुसार घर कि दिशा क्षेत्र कि ऊर्जा कि पहचान एवं उनके प्रभाव ।

३ 16 दिशाओं का परिचय तत्वों के प्रभावों कि पहचान तथा उनके महत्व के बारे में पूर्ण जानकारियां।

४ जीवन कि अवस्था अनुसार तत्वों कि पहचान।

५ घर का मुख्य द्वार किस दिशा में होना चाहिए।

६ आपके घर कि दिशा अनुसार आपका मुख्य द्वार किस पद पर हैं।

७ भवन में द्वार पद का चुनाव।

८ घर पर जल तत्व कि व्यवस्था पर विचार।

९ घर में रसोई, पुजा घर,स्नान घर, शौचालय, सदस्यों कि आयु के अनुसार उनके सोने कि जगह,मेहमानों के लिए जगह , पढ़ाई के क्षेत्र का चुनाव,सिढी़यो का क्षेत्र, पानी का भुमि गत भंडारण, पानी का बाहरी भंडारण।

१० वास्तु शास्त्र के अनुसार घर कि क्रिया शील वस्तुओं कि जगह सुनिश्चित कि जाती है। आपकी जरूरत के अनुसार ही निर्माण किया जाता है नक्शा बनाते समय हम आपसे सलाह लेते हैं और आपके सुझावों का विशेष ध्यान रखा जाता है नक्शे पर अंतिम स्वीकृति आपकी होती है।

११ भुमिगत भवन किस दिशा में बनाना चाहिए।

१२ घर में भुभिगत क्षेत्र का निर्माण।

विशेष :- हम आपके नये घर में जरूरत के अनुसार वह सभी नियम लागू करते हैं जो आपके घर में तत्वों को संतुलन में रखते है।जिससे आपके जीवन में समृद्धि बनी रहे। घर में तत्वों का संतुलन बुद्धि विकसित करता है।