16 दिशा परिचय, प्रभाव एवं विशेषता ।
दिशा का आकलन उस क्षेत्र में तत्वों कि स्थिति के अनुसार किया गया है। जैसे प्रत्येक वस्तु जो पंच तत्वों के संतुलन से निर्मित है उसकी जीवन अवधि में अवस्थाएं होती है जैसे मनुष्य जीवन में मुख्य रूप से तीन अवस्थाएं बचपन, जवानी और बुढ़ापा। इसी तरह तत्वों कि भी अवस्था होती है। प्रत्येक दिशा में तत्वों की एक भिन्न अवस्था होती है और वह अपनी अवस्था के अनुसार ही उस दिशा क्षेत्र को प्रभावित करता है। जल तत्व कि दिशा क्षेत्र में कल्पना तथा निर्माण से संबंधी क्रिया संपन्न होती है। वायु तत्व के दिशा क्षेत्र में ज्ञान ग्रहण और ज्ञान संग्रह कि क्रिया संपन्न होती है।
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